एक दिन, गोलू अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था। वह देखता है कि गाँव के पेड़ों पर अनेक सारे आम लटके हुए हैं। गोलू का मन करता है कि वह वो आम चुरा ले।
गोलू और उसके दोस्त एक प्लान बनाते हैं। वे रात के अंधेरे में आम चुराने का प्रयास करने का निर्णय लेते हैं।
अगली रात, गोलू और उसके दोस्त चुपके से पेड़ों के पास जाते हैं। लेकिन जब वे आम तोड़ने की कोशिश करते हैं, तो पेड़ से गिर जाते हैं और आम गिर जाते हैं।
गोलू और उसके दोस्त बहुत ही निराश हो जाते हैं। तब गोलू के दोस्त कहते हैं, "यह गलत है, गोलू! हमें चोरी नहीं करनी चाहिए।"
गोलू इस पर विचार करता है और समझता है कि उन्होंने गलत किया है। वह अपने दोस्तों से माफी मांगता है और वे आमों को वापस पेड़ों पर लगाते हैं।
इसके बाद, गोलू और उसके दोस्त समझते हैं कि चोरी करना गलत होता है और उन्हें यह सिखना चाहिए कि हमें अपने खुशी-सुखी तरीके से जीना चाहिए।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि चोरी करना गलत होता है और हमें ईमानदारी से जीना चाहिए। गोलू ने अपनी गलती समझी और सही रास्ते पर चलने का निर्णय किया।
यह कहानी बच्चों को ईमानदारी और सही रास्ते पर चलने के महत्व के बारे में सिखाती है।
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